डिप्रेशन (dipression) का आयुर्वेदिक इलाज

         डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि जीवन में कोई बड़ा दुःख आना, किसी की मृत्यु होना, व्यापार में बड़ा नुक़सान होना, नौकरी छूटना, परीक्षा में उम्मीद के मुताबिक नम्बर ना आना इत्यादि।

      शरीर में वात  बढ़ने की स्थिति यानी वायु बढ़ने की अवस्था में भी हमारा मन दुखी रहने लगता है और कुछ करने का मन नहीं करता।

 यदि व्यक्ति पौष्टिक खाना ना खाए और समय पर  खाना ना खाए तो विटामिन्स की कमी के कारण भी डिप्रेशन की समस्या होने लगती है।

साधारण नमक को तवे पर धिमि आंच पर तब तक भूनें जब तक वह हल्का भूरा हो जाए। ठंडा होने पर शीशी में भरकर रख लें।
सुबह खाली पेट आधा चम्मच भुना नमक, एक चौथाई चम्मच अजवायन और एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर कोसे पानी के साथ लें। आधा घंटा कुछ ना खाएं।


      मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग भी डिप्रेशन का कारण है । यदि हम अपने खाने पीने ,सोने जागने का समय सही नहीं रखते, तब भी हमें डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। अतः  जितना जरूरी है उतना ही मोबाइल का प्रयोग करें  एवं  अपनी दिनचर्या ठीक रखें।

     अश्वगंधा पाउडर  या गोली  डिप्रेशन में बहुत लाभदायक होता है।
       आधा चम्मच पाउडर या एक एक गोली 
सुबह शाम खाली पेट दूध के साथ लें।
 शाम को 6:00 बजे के आसपास लें।
यदि डिप्रेशन की समस्या अधिक है तो नारायण कल्प या मेघा वटी एक एक गोली सुबह शाम अश्वगंधा के साथ लें।

     यदि व्यक्ति को भूख नहीं लगती तो

 सारस्वतारिष्ट      सुबह-शाम खाना खाने के बाद तीन चम्मच पानी और तीन चमक दवाई मिला कर लें।

  कोशिश करें कि आधा घंटा पहले और आधा घंटा बाद कुछ ना खाएं।

डिप्रेशन की समस्या कम और अधिक हो सकती है । यदि डिप्रेशन की समस्या अधिक है और व्यक्ति अपने आप को खत्म करने की बात करता है तो किसी भी अच्छे डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।

यदि व्यक्ति अंग्रेजी दवाओं का सेवन कर रहा है तब भी यह दवाएं सहायक उपचार के रूप में ली जा सकती हैं।

डिप्रेशन की समस्या में व्यक्ति को कब्ज होना एक बहुत सामान्य बात है ।  अतः कब्ज को दूर करने के लिए रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला पाउडर और एक चम्मच इसबगोल गर्म पानी के साथ लें या दूध के साथ लें।
 यदि कब्ज की समस्या बहुत अधिक है और त्रिफला और इसबगोल  से आराम नहीं पड़ता तो 
   शुद्धि चूर्ण , झंडू नित्यम गोली या कायम चूर्ण आदि का सेवन करें । कुछ दिन लेने के बाद इसबगोल व त्रिफला शुरू कर दें।
त्रिफला पाउडर और इसबगोल को लंबे समय तक कब्ज दूर करने के लिए लिया जा सकता है।

नींबू पानी व फलों का सेवन डिप्रेशन की समस्या को दूर करने में बहुत लाभकारी  हैं।
तुलसी अमृत की 5-6 बूंदे एक गिलास कोसे पानी में सुबह खाली पेट लेने से डिप्रेशन की समस्या में आराम मिलता है।

मस्तिक से जुड़ी समस्याओं के लिए आयुर्वेद में और भी दवाएं हैं ।
परंतु इन्हें हम किसी भी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं ले सकते । अतः यदि समस्या अधिक है तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।

 ज्ञान मुद्रा

     हाथ के अंगूठेे के पास वाली पहली उंगुली अर्थात तर्जनी अंगुली तथाा अंगूठे के अग्रभाग को परस्पर स्पर्श करने पर ( जोर सेेेेे दबाने की जरूरत नहीं)  ज्ञान मुद्रा  बन जाती है। इस मुद्रा का दोनों और अधिक सेेेे अधिक  समय अर्थात चलते फिरते बिस्तर पर लेटे हुए या कहीं भी बैठे हुए अभ्यास करना चाहिए। 


                यह मुद्रा पुराने अनिद्रा रोग, स्मरण शक्ति कमजोर होना ,पागलपन ,क्रोध ,अत्याधिक आलस्य , चिड़चिड़ापन, चिंता, टेंशन , डिप्रेशन ,घबराहट आदि  मस्तिष्क के संपूर्ण विकार दूर करने और एकाग्रता को बढ़ाने मैं बहुत लाभकारी है।

सुदर्शन क्रिया ,अलोम विलोम ,कपालभाति व भ्रामरी प्राणायाम मस्तिष्क के किसी भी रोग को बहुत जल्दी ठीक करने में सक्षम है ।

अतः सीखें व करें।

सुदर्शन क्रिया आर्ट ऑफ लिविंग (art of living )संस्था द्वारा ही सीखें। ं


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