मलेरिया बुखार
फूली हुई फिटकरी के चूर्ण में चार गुना पिसी हुई खांड या चीनी अच्छी तरह मिला लें । 2 ग्राम की मात्रा गुनगुने पानी से दो-दो घंटे बाद तीन बार लें। तीन खुराक लेने से मलेरिया में बहुत आराम पड़ेगा।
बुखार अब भी रहता है तो आवश्यकतानुसार खुराक लें।
या
सादा खाने का नमक पिसा हुआ लेकर तवे पर धीमी आंच पर इतना सेकें कि उसका रंग हल्का भूरा हो जाए या कॉफी के समान हो जाए । यह ठंडा होने पर एक शीशी में भरकर रख लें। ज्वर आने से पहले 6 ग्राम (एक चाय का चम्मच या थोड़ा अधिक ) मगर कम ना हो ,भुना नमक एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर लें। तथा ज्वर उतर जाने पर भी 6 ग्राम भुना नमक गर्म पानी से सेवन करना जरूरी है ।यह उपाय कई प्रकार के बुखार में उपयोगी है ।
भुने नमक में थोड़ा अजवाइन और थोड़ी हल्दी भी मिला कर ले सकते हैं।
महा सुदर्शन वटी एक एक गोली सुबह शाम पानी के साथ लें। यह गोली कई प्रकार के बुखार जैसे डेंगू मलेरिया टाइफाइड आदि में अत्यंत लाभकारी है।
आज के समय में इन उपचारों का प्रयोग सहायक उपचार के रूप में करें। मलेरिया बुखार आने पर एलोपैथिक डॉक्टर की सलाह एवं दवा का प्रयोग भी करना चाहिए।
दवा का प्रयोग आवश्यकता अनुसार करें।
मलेरिया बुखार, टाइफाइड बुखार या अन्य कोई भी बुखार जो बहुत दिनों तक चलता है या हम कई दिनों तक एंटीबॉयटिक का प्रयोग करते हैं तो हमारा लीवर कमजोर पड़ जाता है ।
जिसकी वजह से या तो हमें भूख नहीं लगती या फिर कुछ भी खाते ही उल्टी होने लगती है ।अतः कोई भी लीवर की आयुर्वेदिक दवाई जैसे कि
लिव अमृत ,
लिवर -52 ,
Livosip,
Liv-D
इत्यादि का प्रयोग करें।
बाजार में कई तरह की आयुर्वेदिक लीवर की दवाई उपलब्ध हैं। किसी भी एक दवा का प्रयोग करें।
सुबह शाम खाना खाने के बाद बच्चे एक एक चम्मच और बड़े दो दो चम्मच लें।
दवा की शुद्धता का ध्यान रखते हुए किसी भी दवा का प्रयोग कर सकते हैं।
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