आंखों की समस्याओं का आयुर्वेदिक इलाज
व्यक्ति आंखों की कई प्रकार की समस्याओं से परेशान हो सकता है । आज के समय में सबसे अधिक समस्या आंखों से पानी आना ,आंखों का लाल होना या हमारी नजर का कमजोर होना है जिसकी वजह से हमें चश्मा लगाना पड़ता है ।आज छोटे-छोटे बच्चों को भी चश्मा लगाना पड़ रहा है जिसके कई कारण हैं।
आंखों के कमजोर होने के कई कारण है ।अत्यधिक मोबाइल और टीवी का इस्तेमाल इसका सबसे बड़ा कारण है ।
दूसरा हमारा बेसमय खाना खाना , बाहर का खाना अधिक खाना ,एंटीबायोटिक का अधिक प्रयोग करना और प्रकृति से हमारी दूरी हमारी नजर को कमजोर करती है।
आज के समय में खेलकूद , चांद, सितारों को देखना , पैदल चलना और बच्चों का प्रकृति में खेलकूद बहुत कम हो गया है ।जिसकी वजह से आंखों के साथ-साथ और कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
देर रात से सोना और सुबह लेट उठना या कई बार बच्चों और बड़ों की नींद भी पूरी नहीं हो पाती । जिसकी वजह से हमारी आंखें दिन प्रतिदिन कमजोर होने लगती हैं या इनमें और कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है।
1. आंखों लाल होना
यदि हमारे शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाए तब हमारी आंखें लाल रहने लगती हैं और कई बार इन में खुजली भी होती है।
सुबह खाली पेट लस्सी पीने से लाला आंखों में बहुत आराम आता है । यदि सुबह नहीं ले सकते तो दिन में लस्सी का प्रयोग करें और सुबह उठकर फलों का प्रयोग करें ।
यदि आंखों के लाल होने के साथ-साथ आंखों में खुजली हो रही हो तो
संजीवनी वटी एक गोली
सुबह शाम ठंडे पानी के साथ लें।
अविपत्तिकर चूर्ण ,आंवला चूर्ण व यष्टिमधु चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। सुबह शाम खाना खाने के बाद साधारण पानी के साथ लें।
दवा का प्रयोग आवश्यकतानुसार करें।
यदि आंखों से पानी चलता हो तो भी है उपचार लाभकारी रहता है।
किसी भी अच्छे आयुर्वेदिक आंखों में डालने की दवा का प्रयोग करें।
2. नजर का कमजोर होना या चश्मा लगना
जब हमें पता चलता है कि हमारी आंखें कमजोर हो गई हैं और डॉक्टर हमें चश्मा लगाने की सलाह देते हैं तो पहले चश्मा ना लगाकर कुछ दिन आयुर्वेदिक उपचार करें। आयुर्वेदिक उपचार आंखों की नजर ठीक करने में अत्यंत लाभकारी हैं ।
यदि एक बार हम चश्मा लगा लेते हैं तो आंखों का ठीक करना मुश्किल हो जाता है।
1. बादाम गुलबंदी 100 ग्राम
मोटी सौंफ 100 ग्राम
भूरी मिर्च 10 ग्राम
कुज्जा मिश्री 100 ग्राम
को बारीक पीसकर मिश्रण बना लें और मिलाकर रख लें। सुबह शाम एक एक छोटा चम्मच दूध के साथ लें। लगातार 40 दिन तक लें। आंखों में आराम महसूस होने लगेगा।
कुज्जा मिश्री
2. सुबह जल्दी उठकर अलोम विलोम व कपालभाति प्राणायाम नियमित रूप से करें। यह हमारी आंखों की हर प्रकार की समस्या को ठीक करने में सक्षम है।
3. दिन में दिन से तीन से चार बार साफ हाथों से ठंडे पानी के छपके दें। छपके बहुत तेज ना हो। धीरे धरे दें।
4. पौष्टिक आहार लें व नियमित समय पर लें।
5. रात को सोते समय त्रिफला पाउडर या त्रिफला गोली का प्रयोग करें।
बड़े एक चम्मच
बच्चे आधा चम्मच
तेज गर्म पानी के साथ लें।
शुरू में कुछ दिन पतले दस्त लग सकते हैं। एक-दो दिन में यह रुक जाएंगे । यह हमारे शरीर में जमा अतिरिक्त मल व पानी होता है।
दवा का प्रयोग आवश्यकता अनुसार करें व दवा की शुद्धता का अवश्य ध्यान रखें।
6. (Palming Exercise)-
यह क्रिया आंखो के लिए बहुत ही लाभकारी है। इससे करने के लिए आपको अपनी आंखे बंद कर उन्हे अपने हाथो से ढकना है। हाथ आंखो को ना छुए, हाथ को गालो पर टिकाए।
यह क्रिया कम से कम 10 मिनट करें और जितनी अधिक देर तक कर सकते हैं उतना अधिक लाभ आंखों को होता है।
7. रात को कुछ समय बाहर टहलें और आसमान की ओर खुद भी देखें ,बच्चों को भी दिखाएं।
यह सभी उपाय ना केवल हमारी आंखों को आराम पहुंचाते हैं बल्कि हमारे दिमाग ,कान और नाक की बहुत सी समस्याओं को ठीक करने में सक्षम है।
आंखों को ठीक करने के लिए मेहनत और लग्न की जरूरत है । यदि हम उपरोक्त सभी उपायों को दृढ़ निश्चय के साथ करते हैं तो अवश्य ही हमारी आंखें ठीक होने लगती हैं । हमारी आंखों का ठीक होना मुश्किल है असंभव नहीं।
3. आंखों के आगे गोले बन्ना
कई बार हमारी आंखों के आगे गोले बनने लगते हैं और जब हम किसी लाइट की तरफ देखते हैं तो उसके चारों और भी गोले बन जाते हैं।
उपाय गिलोय घनवटी
एक एक गोली सुबह शाम ठंडे पानी के साथ लें ।
दवा का प्रयोग आवश्यकता अनुसार करें।
4.
बहुत बार सिर में चोट लगने की वजह से भी हमारी आंखों को नुकसान पहुंचता है और कई बार हमें एक ही चीज की 2-2 तस्वीर नजर आने लगती है या किसी भी चीज को देखते हुए वह ऊपर नीचे की ओर होने लगती है।
उपरोक्त सभी उपाय करते हुए एक एक गोली सुबह शाम अश्वगंधादि की लें
5 . आंख में चुभन होना
यदि आंख चुभन हो तो लहसुन की एक या दो कली सामान्य पानी के साथ लें।
6. अंजनहारी आना
अंजनहारी आंखों की एक सामान्य समस्या है जो कई दिनों तक हमें परेशान करती है ।कई बार यह एक निकलकर खत्म हो जाती है और कई बार एक-एक करके 7 बार निकलती है ।अंजनहारी का मुख्य कारण शरीर में पित्त की मात्रा का अधिक होना है ।
अविपत्तिकर चूर्ण एक एक चम्मच सुबह शाम खाना खाने के बाद सादे पानी के साथ लें।
तीनों समय हल्का खाना खाएं।
यदि आप भगवान में विश्वास रखते हैं तो हनुमान जी का प्रसाद 5 रुपए या उससे अधिक अपनी श्रद्धा अनुसार सूख लें। अंजनहारी में तुरंत आराम मिलेगा।
अंजनहारी ठीक होने पर प्रशाद हनुमान जी के मंदिर में जाकर चढ़ाएं ।
यदि अंजनहारी बार-बार निकल रही है तो अविपत्तिकर चूर्ण के साथ
गिलोय घनवटी एक एक गोली सुबह शाम
और
विटामिन ए एक एक गोली सुबह शाम खाना खाने के बाद सादे पानी के साथ लें।
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