वैरीकोज वेन्ज या नसों के नीले और उभरे या मोटे होने का आयुर्वैदिक ईलाज
नसों के नीली और मोटी होने के कई कारण हो सकते हैं । लगातार बहुत देर तक खड़े होना या दिनभर अधिक समय कुर्सी पर टांगे लटका कर बैठना या अत्यधिक बयला खाना एवं मसाले वाला खाना खाना इस समस्या के कारण हो सकते हैं। यदि हमारे जीवन में लगातार परेशानी चलती है और चिंता रहती है तब भी हमें यह समस्या शुरू होने लगती है।
शुरू में नसें कहीं कहीं नीली दिखाई देती है और बाद में धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं। समय के साथ साथ इनमें उभार भी बढ़ता है और दर्द भी बढ़ता है ।
यदि हर रोज नियमित रूप से योगा और आसन किया जाए तो हम इस समस्या से बच सकते हैं और यदि यह समस्या हो जाती है तो नियमित रूप से एक्सरसाइज और आसन करने पर यह समस्या धीरे धीरे ठीक होने लगती हैं।
दिन में जितना अधिक हो सके हमें या तो वज्रासन में बैठना चाहिए या चौकड़ी मारकर बैठना चाहिए । जिसे सुखासन भी कहते हैं ।
यदि घरों में इंडियन टॉयलेट है तो वह भी इस समस्या की रोकथाम में बहुत सहायक होता है ।
उपाय
अजमोदादि चूर्ण आधा-आधा चम्मच
सुबह-शाम खाना खाने के बाद ठंडे या कोसे पानी के साथ लें ।
चंद्रप्रभा वटी एक एक गोली सुबह शाम खाना खाने के बाद ठंडे या कोसे पानी के साथ लें।
दवा का प्रयोग आवश्यकता अनुसार करें । दवा की शुद्धता का भी अवश्य ध्यान रखें।
जिन लोगों को पेट में गर्मी की समस्या भी रहती है तो वह अजमोदादी चूर्ण ना लेकर हिंगवाष्टक चूर्ण का सेवन करें।
एक गिलास कोसे पानी में 4-5 बूंदे तुलसी अमृत की डालकर दिन में किसी भी समय लें। सुबह खाली पेट भी ले सकते हैं।
नींबू का रस कोसे पानी में इस समस्या में लाभकारी होता है । दिन में किसी भी समय लें।
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