सिर दर्द , माइग्रेन, स्पोंडिलाइटिस का आयुर्वेदिक इलाज

              किसी भी दर्द का निवारण करने से पहले उसका कारण जान लेना अति आवश्यक है।

     1.        आमतौर पर सिर में दर्द शरीर में वायु की मात्रा अधिक होने से होता है। जिसे हम वात बढ़ना भी कहते हैं।

       उपाय        
              हल्के गर्म पानी के साथ अजवाइन एक छोटा चम्मच, दो चुटकी काला नमक और आधी चुटकी पिसा  हींग मिला कर लें। यदि हींग ना हो तो केवल अजवाइन और काला नमक लें।

       बहुत जल्द सिर दर्द में आराम मिलेगा ।

2.       कई बार शरीर में पित्त अधिक बढने से भी दर्द होता है और मस्तिष्क में बहुत तरह के विचार आने लगते हैं।

 उपाय      
          पीसा धनिया 2 छोटा चम्मच साधारण पानी के साथ                      लें। 

    यदि हमें हमें समझ ना आ रहा हो की परेशानी किस वजह से है तो  पहला उपाय करने के बाद यदि हमें 15-20 मिनट तक कुछ भी आराम ना पड़े तो दूसरा उपाय कर लें। थोड़ी देर में ही आराम दिखने लगेगा।        

3.   
       दर्द होने पर यह भी ध्यान दें कि हमें यह दर्द किस कारण हुआ होगा ।अधिक ठंड लगने पर या खांसी जुकाम होने पर भी सिर में दर्द होता है और यह हल्के बुखार के कारण होता है ।

 कई बार बहुत अधिक थक जाने पर भी सिर में दर्द होने लगता है।

उपाय      
          संजीवनी वटी       एक गोली ठंडे या कोसे पानी के साथ लें ।

     दवा की शुद्धता का भी अवश्य ध्यान रखें ।
    दवा का प्रयोग आवश्यकता अनुसार करें।

 4.    सिर में दर्द यदि हमें जल्दी जल्दी होने लगता है तो इसका कारण हमारी आंखें भी हो सकती हैं  या हमारा पेट पूरी तरह से साफ ना हो तो भी गैस ऊपर चढ़ने लगती है और हमें सिर में दर्द रहता है । 

      त्रिफला पेट और आंखें दोनों के लिए रामबाण है।
 उपाय 
        बच्चे       आधा चम्मच 
       बड़े         एक चम्मच

           रात को सोते समय तेज गर्म पानी के साथ लें  या सुबह खाली पेट लें। लगभग 15 से 20 दिन लगातार लें और बाद में आवश्यकता अनुसार लें।
    कुछ दिन शुरू में पतले दस्त लग सकते हैं। बाद में बंद हो जाएंगे ।यह पेट में जमा  अतिरिक्त मल वा पानी होता है।

         सिर की मालिश आंखों और सिर को बहुत आराम पहुंचाती है । सप्ताह में एक बार सिर की मालिश अवश्य करनी चाहिए ।

             मालिश के लिए कोई भी साधारण तेल जैसे सरसों का तेल ,नारियल तेल, देसी घी, जैतून का तेल आदि इस्तेमाल करना चाहिए।

5.     माइग्रेन

                    यदि सिर में दर्द जल्दी  जल्दी होने लगता है और लाइट, ध्वनि या शोर के साथ बहुत अधिक बढ़ जाए और हमें साथ ही उल्टी भी होने लगे तो यह माइग्रेन की समस्या है ।

     जब हमारे विचार अत्यधिक बढ़ जाते हैं और मस्तिष्क को आराम नहींं मिलता तो यह समस्या शुरू होने लगती है।

   दवा के साथ साथ मस्तिष्क को आराम देना इसमें अत्यंत आवश्यक है ।
उपाय  
             अश्वगंधा गोली या चूर्ण सुबह खाली पेट व रात को खाना खाने से एक एक घंटा पहले लें ।   
       अश्वगंधा       1 गोली 
या अश्वगंधा चूर्ण    1चम्मच

       मेघा वटी या नारायण कल्प गोली भी ली जा सकती है।

 रात को सोते समय तेज गर्म पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला पाउडर लें।

     मस्तिष्क को आराम देने के लिए अलोम विलोम ,कपालभाति प्राणायाम या सुदर्शन क्रिया सीखें व करें ।
      बहुत जल्द आराम आने लगेगा

    बिना योग व प्राणायाम के माइग्रेन की समस्या को जड़ से समाप्त करना कठिन हो जाता है।

    6.      सपोन्डिलाईटिस  ,   Spondilitis

               जब हमें सिर में दर्द अधिक देर  एक अवस्था में बैठने पर ,अधिक पढ़ाई करते समय या सफर करते समय होने लगे तो यह  आमतौर पर स्पोंडिलइटिस के लक्षण होते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण हमारा एक ही गलत अवस्था में बैठना और बहुत देर तक बैठना होता है।   जब भी हम रीड की हड्डी को झुका कर 
बैठते हैं और पढ़ते समय भी बहुत अधिक गर्दन नीचे की और कर लेते हैं या फिर रात को सोते समय मोटा तकिये का इस्तेमाल करते हैं तो धीरे-धीरे हमें स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या होने लगती है ।साथ ही इसका दूसरा कारण शरीर में वात का बढ़ना यानी अधिक बायली चीजों का खाना होता है । जैसे राजमा, उड़द, रात को दही का सेवन करना, अधिक आलू वाली चीजें खाना इत्यादि।
            अधिक देर से खाना खाना और बेसमय  खाना खाने से हमारे शरीर में कई विकार उत्पन्न होते हैं।
      हमें आमतौर पर अपना नाश्ता 9:00 बजे से पहले, दोपहर का खाना 12:00 से 2:00 के बीच में और रात का खाना 6:00 से 8:00 के बीच ले लेना चाहिए । इस समय पर खाना खाने से हमारा खाना अच्छे से पच जाता है और शरीर में विकार उत्पन्न होने से हम बचे रहते हैं।
      अतः स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने के लिए सबसे पहले हमें अपने बैठने ,चलने और सोने के तरीके पर ध्यान देना होगा। इसको  ठीक करने के बाद ही हम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। 

     गर्दन की एक्सरसाइज, रीड की हड्डी के लिए योगासन करना अति आवश्यक है ।अतः किसी भी अच्छे योगाचार्य से आसन व गर्दन की एक्सरसाइज सीखें व नियमित रूप से करें ।

     अजमोदादि चूर्ण          आधा-आधा चम्मच सुबह शाम 
                           खाना खाने के बाद कोसे पानी के साथ लें। 

Rhumasyl तेल से गर्दन, कमर और कंधों की मालिश करें

 गरम तेल घर में भी बना कर रख सकते हैं।
        सरसों का तेल      250 ग्राम 
             मेथी दाना         50 ग्राम 
          अजवाइन          50 ग्राम
     एक चौथाई चम्मच     पिसा हींग

 सरसों के तेल को अच्छे से गर्म कर लें।
 उसके बाद उसमें अजवाइन ,मेथी और हींग डालकर धीमी आंच पर 15 से 20 मिनट तक पकाएं। 10 से 12 घंटे रखने के बाद       एक शीशी में छानकर रख लें और कमर, कंधों और गले पर लगाएं । 
 धीरे धीरे स्पोंडिलाइटिस की समस्या में  आराम आने लगेगा।

आधे सिर का दर्द

               देसी गाय का ताजा घी सुबह शाम दो-चार बूंद नाक में रुई से टपकाने से आधे सिर के दर्द में बहुत जल्द आराम आता है ।साथ ही नाक से खून गिरना भी बंद हो जाता है 

                            या

         सिर के जिस तरफ के भाग में दर्द हो उस तरफ के नथुने में 7-8 बूंद सरसों का तेल डालें अथवा सूंघने से दर्द में एकदम आराम आ जाता है । चार-पांच दिन तक दिन में दो या तीन बार इस प्रक्रिया को करना चाहिए।

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