पेट में अफारा आने का आयुर्वेदिक इलाज
पेट में अफारा एक सामान्य समस्या है। यह अधिकतर पेट साफ ना होने के कारण या अत्यधिक भोजन करने के कारण होता है ।
जब भी हम जरुरत से ज्यादा खा लेते हैं और उसे पचाने में हमारा पेट असमर्थ हो जाता है , तब हमारे पेट में अफारा आता है या गैस भर जाती है ।और हमें पेट में बहुत भारीपन लगता है ।
अगर लगातार कई दिनों तक हमारा पेट पूरी तरह साफ ना हो रहा हो तब भी हमें अपना पेट फुला फुला और पेट में भारीपन लगता है।
सबसे अधिक आवश्यक है कि जब भी पेट में भारीपन लगे तब तक कुछ ना खाएं, जब तक कि हमें भूख ना लगे और कुछ दिनों तक फलों का और हल्के खाने का सेवन करें ।और भूख से थोड़ा कम ही खाएं ।
पतली खिचड़ी अफारा कम करने में लाभकारी होती है ।
अनाज का और भारी दालों का और बाहर के खाने का सेवन बंद कर दें।
खाना शांति से बैठ कर धीरे-धीरे अच्छी तरह चबाकर खाएं।
उपाय
अजमोदादि चूर्ण आधा आधा चम्मच सुबह शाम खाने के बाद कोसे पानी के साथ लें ।
यदि अफारा अधिक हो रहा हो तो हम अजमोदादि चूर्ण किसी भी समय ले सकते हैं ।
यह खाली पेट भी लिया जा सकता है ।
यदि अजमोदादि चूर्ण आसानी से उपलब्ध ना हो तो हम ले सकते हैं
अजवाइन एक चम्मच
दो चुटकी काला नमक
और एक चुटकी पिसा हींग
तीनों को एक साथ मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ लें।
बहुत जल्द आराम आ जाएगा।
नींबू पानी का सेवन पेट के अफारे के लिए लाभकारी है ।
नींबूू पानी ठंडे पानी या गर्म पानी किसी के भी साथ ले सकतेे हैंं।
हिंग्वाष्टक चूर्ण पेट के अफारे में बहुत आराम देता है।
जिन व्यक्तियों को पेट में पित्त की समस्या भी रहती है वह अजमोदादि चूर्ण का इस्तेमाल ना कर, हिंग्वाष्टक चूर्ण का इस्तेमाल करें। यह पेट की पीत् व वायु की समस्या दोनों में अत्यंत लाभकारी है।
रात को गर्म पानी के साथ त्रिफला और इसबगोल दोनों एक साथ लेने से सुबह पेट साफ होता है और हमें अफारे में राहत मिलती है।
तुलसी अमृत पेट के अफारे में आराम पहुंचाता है। तेज गर्म पानी में 4-5 बूदे तुलसी अमृत की डालकर पिएं।
तुलसी अमृत शरीर की और भी कई समस्याओं में लाभकारी होता है ।
दवा का प्रयोग आवश्यकता अनुसार करें ।
दवा की शुद्धता का ध्यान रखें।
अलोम विलोम व कपाल भांति प्राणायाम पेट की पाचन शक्ति को ठीक कर पेट की हर प्रकार की समस्या में आराम हो पहुंचाता है।
अतः सीखें और करें।
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