कान में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज
10-15 मिनट तक पकाएं।
ठंडा होने के लिए रात भर रख दें।
एक शीशी में छानकर रख लें।
जब भी कान में दर्द हो 2-3 बूंदे तेल की कान में डाल कर ऊपर से रुई का फोहा रख लें।
कान में खारिश
कान की खारिश मे यह तेल रामबाण है।
कान में दर्द
कई बार कान में मैल जमा हो जाती है । जिसकी वजह से कान में दर्द होता है या हमें ऊंचा सुनाई देता है। यह तेल डालने से मेल बाहर निकल आती है।
कान से पानी चलना
यदि कान से पानी चलता हो तो यह तेल कान में ना डाल कर केवल बाहर से ही कान के चारों तरफ लगाएं ।
गिलोय एक एक गोली
सुबह शाम पानी के साथ लें।
दवाई का प्रयोग आवश्यकता अनुसार करें।
Note
यह तेल हम इस्तेमाल कर सकते हैं।
1 यदि कहीं पर गुम चोट लगी हो ।
2 सिर को छोड़कर शरीर में कहीं भी दर्द हो रहा हो।
3। बहुत अधिक थक जाने पर टांगों में दर्द हो रहा हो ।
4 यदि छोटे बच्चों की बच्चे की टांगे कमजोर हो तो इस तेल की मालिश करने से बच्चे बहुत जल्दी चलने लगते हैं ।
5 नजला जुकाम होने पर छाती और माथे पर लगाएं । नाक और छाती से सांस लेने में मदद करता है।
केवल नाभि पर ना लगाएं।
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