अस्तमा या छाती जमना
जब कफ हमारी छाती की नसों में जमा हो जाता है और नसों में सूजन आने शुरू हो जाती है तब यह समस्या आरंभ होती है ।कई बार छाती से सांस लेते समय आवाज आनी शुरू हो जाती है ।छोटे बच्चों को भी यह समस्या हो जाती है।
उपाय
सुबह उठकर सबसे पहले एक गिलास तेज गर्म पानी में आधा चम्मच हल्दी और आधा चम्मच नमक मिलाकर पिएं।
दिन में दो या तीन बार भी ले सकते हैं।
गिलोय एक एक गोली
सुबह शाम खाना खाने के बाद
्््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््शवासरी सिरप
दो चम्मच आधा कप तेज गर्म पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट व रात को सोते समय लें।
गर्म तेल बना कर रखें ।
विधि
सरसों का तेल 250 ग्राम
मेथी 20 ग्राम
अजवाइन 20 ग्राम
हींग पिसा हुआ आधा चम्मच
सरसों के तेल को अच्छे से गर्म कर लें। उसके बाद थोड़ा ठंडा होने पर उसमें मेथी, हींग और अजवाइन डाल दें। 10-15 मिनट तक पकाएं ।
रात भर ठंडा होने दें और रात भर ऐसे ही रहने दे ।
सुबह उठकर छानकर एक शीशी में भरकर रख लें।
रात को सोते समय छाती और कमर पर लगाएं ।
धीरे-धीरे छाती से कफ निकलने लगेगा ।
यदि छोटे बच्चों की छाती जम जाए तो भी यह तेल बच्चों को बहुत जल्दी स्वस्थ करता है।
कई बार बच्चों की छाती में कफ भरा रहता है और वह निकाल नहीं पाते । अतः यह तेल सुबह नहाने के बाद और रात को सोते समय छाती और कमर में लगाएं।
बच्चों को एक चम्मच शवासरी केवल दिन में एक बार दें।
एक चम्मच शहद में खील किया हुआ एक चुटकी सुहागा यदि बच्चों को दें तो वह तो उनकी छाती से बलगम खत्म करने में लाभकारी है।
टंकण भस्म के नाम से खील किया हुआ सुहागा मिलता है।
अलोम विलोम और सुदर्शन क्रिया इस रोग को जड़ से समाप्त कर देते हैं ।
अतः सीखे एवं करें।
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