Sinus problem या नाक बंद होना

जब कफ हमारे नाक की और और माथे की नसों में जमा हो जाता है और नाक की नसों में सूजन आनी शुरू हो जाती है ।उसी वजह से हमें साइनस की समस्या होती है।

उपाय

शवासरी सिरप--2  चम्मच
                      दो चम्मच तेज गर्म पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट व रात को सोते समय लें।

बिना पानी मिलाएं भी ले सकते हैं।

सरसों के तेल में थोड़ी मेथी, थोड़ी अजवाइन ,थोड़ा हींग डालकर पका लें रात भर रखने के बाद एक शीशे में छानकर रख लें । रात को सोते समय नाक ,माथे ,छाती और कमर पर लगाएं ।धीरे-धीरे कफ निकलना शुरू हो जाएगा ।यदि ठंड का मौसम है तो सुबह नहाने के बाद भी लगा सकते हैं ।यह तेल सिर की मालिश के लिए इस्तेमाल ना करें ।यदि कहीं गुप्त चोट लग जाए या कहीं पर दर्द हो रहा हो तो लगा सकते हैं।

साइनस की समस्या होने पर भस्त्रिका प्राणायाम ,अलोम विलोम या सुदर्शन क्रिया अति आवश्यक है ।इन्हें सीखें और करें।

सुदर्शन क्रिया आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा ही सीखे।

कुछ ही दिनों में यह समस्या का जड़ से समाप्त हो जाएगी।

दवा का उपयोग आवश्यकता अनुसार करें।

यदि नाक बंद हो और पानी चल रहा हो तो यह समस्या दो कारण से हो सकती है ।यदि सर्दियों का मौसम है  तो हमें ठंड लगने के कारण नाक बंद होती है और पानी चलता है ।अतः एक गर्म कपड़ा और पहने और साथ में पांच बादाम ,2  मुनक्का  एवं चार काली मिर्च एक साथ लें।


कई बार एलर्जी के कारण नाक बंद होती है और पानी चलता है। साथ में नाक में गुदगुदी होती रहती है एवं आंखें लाल हो जाती है।
अविपत्तिकर चूर्ण            1  1    चम्मच सुबह शाम खाना                                      खाने के बाद सादे पानी के साथ लें।
शवासरी सिरप         2 चम्मच 5 चम्मच तेज गर्म पानी में                                मिलाकर सुबह खाली पेट व रात को सोते समय लें।
नाभि ,नाक एवं माथे पर देसी घी लगाएं ।        
 
समस्या को ठीक होने के लिए थोड़ा समय दें। धीरे-धीरे यह ठीक होने लगती है।

जल नेती एलर्जिक नाक बंद में बहुत लाभकारी रहती है। अतः सीखें एवं करें।

यदि हम सुबह 7:00 बजे से पहले उठ जाते हैं और थोड़ी देर व्यायाम कर लेते हैं तो हमें किसी भी प्रकार की एलर्जिक व जुकाम से संबंधित बीमारियां परेशान नहीं करती।

   हल्का खाना खाएं।

   पानी की मात्रा अधिक लें।

 खाना समय पर खाएं और बीच-बीच में थोड़ी थोड़ी देर बाद कुछ ना खाएं।

 समय पर और पूरा खाना पचने के बाद खाना खाने से हमेशा किसी भी प्रकार की समस्या में बहुत आराम मिलता है।
 बिना भूख लगे खाना कभी ना खाएं।

 दिन में दाल का सेवन करें और रात में सब्जियों का सेवन करें।
हो सके तो नाश्ते में केवल फलों का प्रयोग करें।

 नाक बंद होने पर केला, चावल व खिचड़ी का सेवन ना करें।

नींबू ,अदरक एवं शहद की चाय बनाकर पी सकते हैं।

विधि
        एक कप में आधा नींबू निचोड़ लें ।
       अदरक को पीसकर या घिस कर आधा चम्मच रस कप में डालें ।
       एवं एक चम्मच शहद कप में डालकर तेज गर्म पानी डालें। अच्छे से मिलाकर पीने से नाक बंद में आराम मिलता है। सुबह खाली पेट भी ले सकते हैं।

बाहर का खाना, खट्टी चीजें, चिप्स, दही, मूली,आइसक्रीम, केले, संतरा, चावल और चावल से बनी चीजें नाक बंद की समस्या को बढ़ती हैं।

यदि हम सुबह 6:00 से 7:00 बजे के बीच में उठकर योगा, व्यायाम करते हैं तो हमें जुकाम खांसी नाक बंद आदि समस्याओं से राहत मिलती है।

 यदि हम 5:00  बजे उठ कर योगा, व्यायाम, ध्यान ,साधना एवं पूजा पाठ करते हैं तो हमें हर प्रकार की बीमारी से छुटकारा मिलता है।

यदि हम सुबह 4:00 बजे उठकर नहा धोकर , पूजा पाठ, ध्यान, साधना, योगा ,व्यायाम  एवं  मंत्र उच्चारण करते हैं तो हम  खुद तो स्वस्थ रहते ही  हैं , साथ में औरों का भी भला कर सकते हैं और उन्हें कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा दिलवा सकते हैं।

      यदि हम 7:00 बजे के बाद उठते हैं,  तो हमें खांसी ,जुकाम, अस्तमा, छींके  आदि बीमारियां परेशान करती रहती हैं और दवाइयां खाने के बाद उपरांत भी पूरी तरह से आराम नहीं मिलता।
         
               यदि हम 8:00 बजे के बाद  उठते हैं , तो हमें कई प्रकार की समस्याएं और बीमारियां पकड़ लेती हैं।  जिन से छुटकारा पाना मुश्किल हो जाता है।

       यदि हम 9:00 बजे के बाद उठते हैं , तो हम स्वयं तो परेशान रहते हैं,  साथ में अपने आसपास रहने वालों के लिए और समाज के लिए भी समस्या  का कारण बन सकते हैं।
 

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