दांतों की समस्याओं का आयुर्वेदिक इलाज

हमारे दांतों में कई प्रकार की समस्याएं होती हैं जैसे दांतो का भरना मसूड़ों में खारिश होना दांतों में कीड़ा लगना या infection होना इत्यादि।
   हमारे दांतो के खराब होने का मुख्य कारण हमारे शरीर में अत्यधिक पित् का बढ़ना है । चाय या सुबह खाली पेट चाय पीना और रात को सोते समय चाय पीना दांतो को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है । क्योंकि इन दोनों समय पर चाय हमारे शरीर में अत्यधिक पित् बढ़ाती है।
उपाय
त्रिफला
त्रिफला दांतो की हर समस्या के लिए रामबाण है।
बड़े       एक चम्मच 
बच्चे     आधा चम्मच

       त्रिफले को आधा कटोरी पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर खाली पेट त्रिफला और पानी साधारण या गुनगुने पानी से लें ।
यदि कब्ज रहती है तो तेज गर्म पानी से लें।

यदि हम त्रिफला सुबह खाली पेट नहीं ले सकते तो हम इसे रात को सोते समय ले सकते हैं। बिना भिगोए भी त्रिफला पाउडर लिया जा सकता है।

कई बार शुरू में त्रिफला लेने पर हमें या तो उल्टी आती है या फिर दस्त लगते हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह पेट और आंतों में जमा अतिरिक्त मल एवं एसिड या पानी होता है जो कई समस्याओं का कारण है ।दो-तीन दिन में यह बंद हो जाएगा।

त्रिफला केवल हमारे दांतो की ही नहीं बल्कि हमारी आंखों और बालों के लिए भी रामबाण है।

a.    यदि व्यक्ति की आयु 40 वर्ष से अधिक है तो प्रतिदिन त्रिफले का सेवन करें।
b.    बच्चों को सप्ताह में दो बार आधा-आधा चम्मच त्रिफला दें ।

c     15 से 40 वर्ष तक की आयु के व्यक्तियों को शुरू में एक महीना लगातार और बाद में सप्ताह में दो या तीन बार एक एक चम्मच त्रिफला  लेना चाहिए।
१ मसूड़ों मे खारिश या बेचैनी होना

          यदि मसूड़ों में खारिश हो रही हो तो नमक ,हल्दी और सरसों का तेल को मिलाकर दांत और मसूड़ों में लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें और मुंह से पानी निकलने दें ।
बाद में साधारण पानी से कुर्ला करें ।
दिन मेंं तीन चार बार करते रहें ।
साथ में 
      अविपत्तिकर चूर्ण    आधाा-आधा चम्मच 
                              सुबह शाम खाना खाने के बाद लें।
       गिलोय           एक एक गोली सुबह-शाम
                                 सादे पानी के साथ लें।
३     दांतो का भुरना

           कैल्शियम     एक एक गोली सुबह-शाम दूध के साथ
         त्रिफला     ऊपर लिखे अनुसार
       समस्या समाप्त होने तक लेते रहें ।


दांतों में कीड़ा लगना 
                        यदि हमारेे दांतो में बार-बार कीड़ा लगता रहता है और हमें rcd करवानी पड़ती है तो उपरोक्त सभी उपाय एक साथ करें।
       अविपत्तिकर चूर्ण के साथ कामदुधा रस दो चुटकी या कामदुधा रस की एक एक गोली सुबह शाम खाना खाने के बाद ठंडे या कोसे पानी के साथ लें।

५  दांतो का पीलापन

यदि हमारे दांत पीले पड़ रहे हों तो दंदासे का प्रयोग करें। दंदासा एक जड़ी बूटी है जो आसानी से उपलब्ध हो जाती है ।यह दांतों को स्वस्थ रखने में बहुत लाभकारी है।

मसूड़ों या दांतों में पस (septic) होना

सदाबहार के फूल की डंडी को पीस कर दांतो और मसूड़ों पर लगाएं और थोड़ी देर बाद थूक दें। या दांत से ही पीसकर थोड़ी देर मुंह में घुमाते रहें और फिर थूक दे ंं। बहुत जल्दी आराम मिलता है।
 परहेज
          दिन में एक ही समय सुबह या शाम ब्रश करें ।
       दूसरे समय किसी अच्छे मंजन का प्रयोग करें या नीम की दातुन का प्रयोग करें ।
नीम की दातुन दांतों को स्वस्थ रखने में बहुत लाभकारी है ।

बच्चों को 5 साल की उम्र तक ब्रश ना करवाएं या जब तक उनके दूध के दांत हैं ।
केवल सुबह शाम कुर्ला करने की आदत डालें ।बच्चों के दांत और मसूड़े बहुत नाजुक होते हैं ।ब्रश करने से वे कमजोर पड़ जाते हैं और उन्हें सारी उम्र दांतो की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।
5 साल के बाद केवल एक ही समय सुबह या शाम अच्छे मंजन या टूथपेस्ट से ब्रश करें।

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